गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

  1. नितिन गडकरी
    भारतीय राजनीती का
    वो दूसरा बदसूरत मगर अपरिहार्य चेहरा हैं ,
    जो कहेता हैं के "आल वील नोट बी वेल " 
    यही दशा रहेगी देश की ...
    कोई फरक नहीं पड़ेगा ....
    .कोई mass change , कोई बदलाव नहीं होगा ,
    बस मोहरे बदल जायेगे ....
    राजकारण और अर्थकारण साथ साथ चलता रहेगा ....
    बदकिस्मती से गडकरी जैसे लोगो की राजकीय समझ बहुत ही "सिकुची हुवी रही , विशाल देह की तरह बुद्धि नहीं मिली ,
  2. उनके लिए राजनीती का मतलब खुद का विकास मात्र बन गया ,,,,